जिक्र आए उनका

जिक्र आए उनका तो पहले बताया करो
रातों में रोने की अब आदत नहीं रही
ख़यालों से उनके कह दो मत आया करो
पाबंद ए वक़त हूँ फ़ुरसत नहीं रही

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