टुकड़ों टुकड़ों मे खुद को खोते रहे 
आँखें खुली थीं फिर भी सोते रहे 
किस्सों किस्सों मे तलाशा खुद को
ढूंढ न पाये हम बस रोते रहे रोते रहे 
टुकड़ों टुकड़ों मे खुद को खोते रहे



























































































































































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