तब जब तुम्हारे इन गालों
पर गहरी झुर्रियां होंगी
तब जब पोपले से मुंह मे
नकली बत्तीसियां होंगी
तब जब मेरे घुटनों में
दौड़ने की ताकत ही न होगी
क्या तब मेरे सामने कुछ देर तुम अकेले बैठ पाओगी
जानता हूं तुम तब
भी सारा वक्त किचन में बिताओगी
आखिर कब बताओगी तुम खुद से इतना घबराती क्यों हो
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