एक खास दिन मिसाइलमैन एपीजे कलाम के साथ
मिसाइलमैन एपीजे कलाम ने कहा-दुनिया भर के
लेखकों से मैं कहना चाहता हूं। वह, यह जानने की कोशिश करें कि आखिर कैसे
गांधी जी की बात हजारों गांवों के लाखों करोड़ों लोगों तक पहुंच जाती थी।
उस वक्त आज की तरह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तो था
नहीं। दरअसल यह गांधी की लिखने की ताकत का कमाल था, वह बेहतरीन लिखते थे
और रोजाना कम से कम एक पेज जरूर लिखते थे। गांधी कहते थे-कुछ करने से पहले
उस सबसे गरीब आदमी का चेहरा याद करो, उसकी मजबूरियां याद करो जिसे तुमने
देखा और फिर सोचो कि मैं कैसे उसकी मदद कर सकता हूं-
सच में आज कलाम साहब के साथ बिताया वक्त जिंदगी के कुछ सबसे खास लम्हों में से एक था। मैं जानता हूं कि लिटरेचरर कार्निवाल में आए बच्चों ने उनसे बहुत कुछ सीखा- खासतौर पर मैंने-
सच में आज कलाम साहब के साथ बिताया वक्त जिंदगी के कुछ सबसे खास लम्हों में से एक था। मैं जानता हूं कि लिटरेचरर कार्निवाल में आए बच्चों ने उनसे बहुत कुछ सीखा- खासतौर पर मैंने-
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