टोरंटो के गोलगप्पे

टोरंटो में रहते रहते करीब दस बारह दिन बीत गए। कांटीनेंटल खाते खाते जी ऊब चुका था। सादा सादा, स्वाद के नाम पर नमक या काली मिर्च। आखिर कब तक। फिर खोज शुरू हुई भारतीय स्वादों की। चूंकि यहां भारतीय बड़ी संख्या में रहते हैं तो जाहिर है रेस्टोरेंट तो थे ही। तो फिर एक दिन हम निकल पड़े जेरार्ड रोड की ओर। यहां भारतीय और खासतौर पर दक्षिण एशियाई मुल्कों से जुड़े लोगों की बाजार है। साड़ी सूट जैसे विशुद्ध भारतीय परिधान भी यहां आपको मिल जाएंगे। खैर हमने धावा बोला साउथ इंडियन फूड चेन के मशहूर रेस्टोरेंट उडुप्पी पर। दोसा और रसम चावल खाकर तृप्त होने के बाद हमने इस बाजार को घूमना शुरू किया। यहां भारतीय फिल्मों के पोस्टरों के साथ इंडियन म्यूजिक शॉप भी दिखायी पड़ी। इसी दुकान में भेलपूड़ी, दही भल्ला और गोलगप्पे जैसी भारतीय चाट भी मिल रही थी। वैसे यह बताना जरूरी है कि मैने आजतक इतना महंगा गोलगप्पा आजतक नहीं खाया। पूरे चालीस रुपए का का एक। कुछ लोगों ने पान खाए। वैसे अच्छी बात यह रही कि जिन भारतीय लोगों ने यहां इंडियन रेस्टोरेंट या खानपान की दुकानें खोली हैं, वह क्वालिटी बहुत अच्छी रखते हैं। खाने का मजा जरूर आता है। टोरंटो में जेरार्ड रोड के अलावा भी कई जगहों पर भारतीय रेस्टोरेंट हैं। इनमें ज्यादा भीड़ नहीं होती क्योंकि ज्यादातर इनमें स्थानीय भारतीय या इंडियन टूरिस्ट ही खाने पहुंचते हैं। इक्का दुक्का विदेशी भी आते हैं पर जस्ट फॉर चेंज के मूड में। भारतीय डिशेज यहां लोकप्रिय हो रही हैं, लोग इन्हें जानते भी हैं पर वह लोगों की जुबान पर वैसे नहीं चढ़ीं, जैसे मैक्सिकन, चाइनीज़, थाई या इटैलियन फूड। हां समोसा जरूर यहां के कई स्टोर्स में दिख जाता है। सादे नमकीन आलू वाला जिसे यहां आप किसीी भी हालत में खाना शायद ही पसंद करें-

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